Papa ki pari ko papa se khatra Sakshi Mishra

14 lug 2019 · 6 min. 27 sec.
Papa ki pari ko papa se khatra Sakshi Mishra
Descrizione
जब से सोसल मिडिया एक्टिव हुआ है तब से “पापा की परी” किरदार बहुत सुर्खियाँ बटोरता नजर आया| यहाँ तक की इस किरदार पर बहुत से चुटकुले और कहानियां भी बनी| जिसमे बड़े भाई द्वारा पापा की परी को उड़ाने के लिए छत से फेंकना, परी को उड़ाने के लिए कवायदें करना आदि शामिल था| यहाँ तक कि अपनी सोसल मिडिया का प्रोफाइल नेम भी बहुत सी लड़कियों ने “पापा की परी” ही रखा|
अपने पिता पर संतोषजनक विशवास पुत्रियों में पाया जाना असहज नहीं है अपितु स्वाभाविक है| लेकिन हाल ही में अनजान लड़कों के साथ लड़कियों के घर से भागने की घटनाओं ने इस किरदार पर उंगलियाँ उठा दी है| ऐसे ही एक प्रसिद्द किरदार साक्षी मिश्रा उम्र मात्र 19 वर्ष ने घर से भाग कर अपने ही पड़ोस के एक अधेड़ उम्र के नामी हथियार पसंद गुंडे अजितेश उर्फ़ यो यो अभी सिंह नायक उर्फ़ अजी ठाकुर के साथ विवाह कर अपने पिता से जान का खतरा होने की वीडियो सोसल मिडिया में डाल कर पापा की परी की सुरक्षा को पापा से ही खतरा बता दिया| यही नहीं जनता के विशवास के बल पर कईं बार चुनाव जीत कर विधायक की कुर्सी पर विराजमान अपने पिता को खलनायक बना डाला| आजतक टीवी चैनल पर दिए अपने साक्षात्कार में अपने पिता से माफ़ी मांगते हुए साक्षी ने अपने पिता पर यह आरोप तक लगाया कि उसके पिता उससे अधिक उसके भाई को तवज्जो देते हैं और उन्हें अपने कार्यों में साथ रखते हैं| पिता राजेश मिश्रा पर आरोप लगाते हुए साक्षी ने यह तक कह दिया कि उसके पिता उसकी भावनाओं को नहीं समझते और घर में उसकी दुर्दशा का कारण भी उसके पिता और भाई ही है|
अपने साक्षात्कार में साक्षी ने विद्यालय एवं विश्वविद्यालय स्तर पर भाई और पिता ने साथ दिया को नहीं झुठलाया लेकिन उसके बावजूद लड़कपन में खेलने-झूलने की उम्र मात्र में अपने पिता की उम्र के व्यक्ति में पति की छवि देखने वाली नवयोवना की शिकार साक्षी अपने भाई और पिता को अपने विरूद्ध खड़ा देखती है| यहाँ तक कि 19 वर्ष जिस पिता की गोद में बिताए हैं उससे अधिक विशवास वह उस अपराधी में बता रही है जिसका बरेली के हर थाने में रिकार्ड दर्ज है|
भारतीय संस्कृति के अनुसार कोई भी माता-पिता अपने बच्चों के विमुख नहीं होता लेकिन बच्चों के भावी भविष्य को ध्यान में रखते हुए सही जीवन साथी का चुनाव कर अपनी प्राणों से प्रिय पुत्रियों को विदा करने में अपनी शान समझते हैं, इसके विपरीत यदि अपराधिक प्रवृति का परिवार या गलत चरित्र का व्यक्ति उनकी पुत्री के जीवन में दखलंदाजी करता है तो वे उसका विरोध इसी कारण करते हैं कि कहीं उनकी लाडली का भव्य जीवन का सपना किसी दलदल में न फंस कर रह जाए|
और यहाँ तो बात एक ब्राहमण वर्ग के उस व्यक्ति की है जो अपने कंधे पर पूरे जनपद की जिम्मेदारी ढो रहा है| क्या वह अपने बच्चों का अच्छा नहीं सोचेगा? क्या वह अपने बच्चों के साथ नाइंसाफी बर्दास्त करेगा? क्या एक पढ़ा-लिखा जनप्रतिनिधि पिता अपनी लाडली के इस कार्य से प्रसन्न होगा? इन्ही बहुत से सवालों से घिरा यह वीडियो जनता में आग तरह वायरल हुआ, जहाँ मिलीजुली प्रतिक्रिया इस वीडियो पर देखने में आई| कुछ फ़िल्मी लोगों के अनुसार लड़की का पिता यहाँ विलेन का रोल अदा कर रहा है उसे अपनी पुत्री को इस प्रकार धमकाना नहीं चाहिए था| कुछ लोगों ने संस्कृति की दुहाई देते हुए कहा कि घर से भागने वाली लड़की को अपने पिता की मर्यादा का एक बार भी ख्याल नहीं आया|
खैर लोगों की प्रतिक्रिया जो भी रही हो, इस वीडियों के साथ अजितेश और साक्षी को लेकर भारतीय विपक्ष को भगवान समझने वाले मिडिया को भाजपा को बदनाम करने का एक और मौक़ा हाथ लगा जिसे वे किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहते थे| और इसी कड़ी में यूपी न्यूज और आजतक टीवी चैनल ने अहम् भूमिका भी अदा कर दी जिसमे सीधे सीधे साक्षी के पिता, बरेली के भाजपा विधायक पर इल्जाम लगाया गया कि वे प्यार के दुश्मन है और नाजायज गुंडागर्दी कर रहे हैं| जबकि मिडिया की जिम्मेदारी के अनुसार दोनों पक्षों के बारे बिना सुने इस प्रकार का इल्जाम लगाना न तो मानवीय तरीके से सही था और न ही भारतीय कानून के अनुसार| इसके बावजूद खुद को मिडिया के भगवान बने ये बिकाऊ पत्रकार एक पिता, एक जनप्रतिनिधि को सवालों के कटघरे में खड़ा कर विलेन सिद्ध करने में लगे नजर आए| और इसी के साथ भारत की वर्तमान मोदी सरकार पर निशाना लगाने से भी नहीं चुके|
इस प्रकार के दोषयुक्त प्रयास का विरोध करने के लिए बरेली जनपद के लोगों ने विधायक राजेश मिश्रा के विशवास में सोसल मिडिया पर एक वीडियो वायरल किया जिसमे अभी सिंह उर्फ़ अजितेश को हथियारों के साथ फोटो भी वायरल किए गए| यहाँ तक कि अजितेश की पहली सगाई का फोटो भी वयारल किया गया जिसमे दहेज़ के लेनदेन के चलते सगाई टूटने की बात पहली लड़की के पिता द्वारा स्वीकार की गयी|
चलो! बात चाहे किसी की भी कोई भी रही हो, लेकिन बचपन से जवानी की दहलीज तक साथ देने वाला पिता आज एक अनजान व्यक्ति के लिए अपराधी बना खड़ा अपनी बेबसी के आंसू रो रहा है वहीँ दूसरी और तमाशबीन मिडिया अभी सिंह और साक्षी को साथ लेकर नवदम्पत्ति का साथ देने का झूठा भरोसा देकर बाप-बेटी के रिश्ते को तार-तार करने में लगा है|
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Autore Tatshri
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